Breakup Poem in Hindi
हूं लाख बहाने ढूंढती
तुझसे नफरत करने को
पर हर बार तुझे याद करके
हूं मैं मुस्कुरा देती
तुझसे मेरा दिल
कुछ इस तरह है उलझा
तुझसे मेरा दिल
कुछ इस तरह है उलझा
की आँखें बंद करती हूं सोने को
तस्वीर तेरी है सामने आ जाती
हां माना नहीं हो सकते
हम एक दूजे के
हां माना नहीं हो सकते
हम एक दूजे के
पर मेरे दिल को यह बात
कहां समझ आती है
इंकार है तेरी तरफ से हमारे रिश्ते को
इंकार है तेरी तरफ से हमारे रिश्ते को
फिर भी लाख उम्मीदें
जिंदा रह जाती है
पिघलेगा एक दिन तेरा दिल भी
पिघलेगा एक दिन तेरा दिल भी
बस इसी उम्मीद में,
मैं आगे नहीं बढ़ पाती हूं
Breakup Poem in Hindi
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